नुक्कड़ का एकदम सिंपल मतलब है ‘कोना’, जैसे मुड़ती सड़क का कोना. वही सड़क का कोना जहां होती है आपकी पसंदीदा चाय की दुकान . जहां बिताते हैं आप सुकून और हंसी मजाक के दो पल. जहां मिल जाते हैं हर मुद्दे के एक्सपर्ट. जहां हुई चाय की चर्चाओं से बदल जाती है देश की राजनीति. उसी माहौल की उपज है भारत का ये डिजिटल वीडियो प्लेटफॉर्म 'नुक्कड़'. यहां आपको मिलेगा फुल इंफोटेनमेंट और देशभर की खबर, पर ख़बरों की रेस से हट कर. थोड़ा संयम से थोड़ा विस्तार से, खूब परख कर और कतई आराम से.
इस अड्डे की सबसे ख़ास बात ये है कि यहां इनफार्मेशन के साथ-साथ मिलेगा एंटरटेनमेंट का तड़का. क्यूंकि किस्सा सुनाने वाले पत्रकार नहीं बल्कि हमारे आपके बीच के किरदार होंगे, जो करेंगे देश की बातें देसी अंदाज़ में . फिर चाहे वो पॉलिटिक्स हो या इकॉनमी, स्पोर्ट्स हो या सिनेमा, धर्म हो या विज्ञान, होगी हर वो बात जो आपके लिए जरूरी है.
नुक्कड़ की जरूरत क्यों->
इंडिया में कोरोना से ज्यादा तेज़ अगर कुछ फैला है तो वो है इंटरनेट. आज देश के करोड़ों लोग अपने अरबों घंटे मोबाइल और इंटरनेट के इस्तेमाल में गुज़ारते हैं. अगर इसी कीमती समय को सही दिशा में इस्तेमाल किया जाए तो देश को भी सही डायरेक्शन मिल सकती है. यही सोचकर हमने डिजिटल दुनिया के सबसे लोकप्रिय फ़ॉर्मेट 'वीडियो' में जरूरी इनफार्मेशन देने की ठानी है वो भी एकदम इनफॉर्मल होकर. इनफॉर्मल होना ही हमारी यूएसपी है. हम ज्ञान के साथ सोफिस्टिकेशन का ठप्पा नहीं लगवाना चाहते. आपका मनोरंजन भी करवाना चाहते हैं, लेकिन काम का मनोरंजन. ताकि हम आपके दिमाग के साथ-साथ दिल में भी उतर जाएं. इसलिए नुक्कड़ पर हर शो को होस्ट करते हैं फिक्शनल किरदार जो बोलते हैं आपकी जुबान.
नुक्कड़ पर क्या-क्या मिलेगा?
वैसे तो हमारा मेन आइटम है, नुक्कड़ के ‘वीकली शो’. ये शो लोगों की ज़िन्दगी से जुड़ी हर ज़रूरी केटेगरी से हैं. साथ ही गला काट कम्पटीशन में बने रहने के लिए हम इनफार्मेशन वाले पोस्टर, मीम और मैशप वीडियो वगैरह भी उचित मात्रा में बनाते रहते हैं.
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